सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बार फिर अच्छी खबर सामने आ रही है। साल 2025 की पहली छमाही खत्म होते-होते महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में इज़ाफे की संभावना काफी मजबूत दिख रही है। हाल ही में आए AICPI (ऑल इंडिया कंज़्यूमर प्राइस इंडेक्स) के आंकड़ों के आधार पर अनुमान है कि इस बार DA में 4% की बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में मौजूदा 59% DA बढ़कर 63% तक पहुंच सकता है।
DA Hike क्यों जरूरी है?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दी जाने वाली वह राशि है, जिसका मकसद बढ़ती महंगाई से उनकी क्रय शक्ति को संतुलित रखना होता है। जैसे-जैसे रोजमर्रा की चीज़ों की कीमतें बढ़ती हैं, वैसे-वैसे कर्मचारियों की आर्थिक负ता भी बढ़ती है। इसी वजह से केंद्र सरकार हर 6 महीने में DA की समीक्षा करती है – पहली बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में। यदि महंगाई दर में इज़ाफा होता है तो DA की दर को भी उसी अनुपात में बढ़ाया जाता है, जिससे कर्मचारियों की आय में राहत बनी रहे।
इस बार कितनी बढ़ोतरी संभव?
जून 2025 के CPI-IW आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रास्फीति थोड़ी बढ़ी है। अगर आने वाले महीनों में AICPI सूचकांक स्थिर रहता है या हल्की बढ़त दर्ज करता है, तो सरकार की ओर से DA में 4% तक की वृद्धि संभव है। वर्तमान में महंगाई भत्ता 59% है, जो बढ़कर 63% तक पहुंच सकता है। इस संभावित बढ़ोतरी से 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत आने वाले करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 60 लाख पेंशनभोगी सीधे लाभान्वित होंगे।
बढ़े हुए DA से कितना फायदा | DA Hike July
अगर एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है, तो 4% डीए बढ़ने (DA Hike July) पर उसे हर महीने ₹1,200 ज्यादा मिलेगा। सालाना यह बढ़ोतरी ₹14,400 तक पहुंच सकती है। पेंशनभोगियों को भी DA बढ़ने से उतना ही लाभ मिलेगा जितना नियमित कर्मचारियों को।
घोषणा कब हो सकती है?
मेहंगिआ भत्ते में बढ़ोतरी की आधिकारिक घोषणा सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में की जा सकती है। इसके बाद संशोधित महंगाई भत्ता अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा। सरकार की ओर से पिछली अवधि का एरियर भी एक साथ भुगतान किए जाने की संभावना है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को एकमुश्त राहत मिल सकती है।
निष्कर्ष
DA Hike July का इंतजार कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। बढ़ती महंगाई के दौर में यह 4% की संभावित बढ़ोतरी निश्चित रूप से आर्थिक रूप से सहायक साबित होगी।